मटर की खेती ( Pea Cultivation)

🫛मटर की खेती🫛

✍️भूमि
मटर के लिए दोमट व हल्की दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है।

✍️भूमि की तैयारी
पहली जुताई डिस्क हैरो से तथा उसके बाद 2-3 जुताई स्थानीय हल या कल्टीवेटर से करनी चाहिए।

✍️बीज की मात्रा
लम्बी किस्म के लिए 80-100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा बौनी किस्म के लिए 125 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज की आवश्यकता होती है।

✍️बीज उपचार
मटर में बीज उपचार के लिए राइजोबियम लेग्युमिनोसेरम कल्चर का उपयोग किया जाता है।

✍️बुआई का समय
मध्य अक्टूबर से मध्य नवम्बर तक हल के पीछे 20 सेमी (बौनी) तथा 30 सेमी लम्बी किस्म की बुआई करनी चाहिए। मटर की बुआई पंतनगर जीरो टिल ड्रिल द्वारा की जाती है।

✍️बीज उपचार
बीज जनित रोगों से बचाव के लिए बुवाई से पूर्व बीज को थायरम 2 ग्राम या मेन्कोजेब 3 ग्राम या ट्राइकोडर्मा 4 ग्राम या थायरम 2 ग्राम + कार्बेन्डासिम 1 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें।

बीज को कल्चर से उपचारित करने से पहले उसे उपचारित कर लेना चाहिए। 1 पैकेट (200 ग्राम) राइजोबियम कल्चर से 10 किग्रा बीज को उपचारित करने के बाद ही बीज बोएं। पी.एस.बी. कल्चर का प्रयोग अवश्य करें।
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