पशु परिचर के पदों पर भर्ती हेतु परीक्षा की स्कीम एवं पाठ्यकम ( Pashu Parichar Syllabus )

पशु परिचर के पदों पर भर्ती हेतु परीक्षा की स्कीम एवं पाठ्यकम निम्नानुसार है :-

नोट :-

1. पाठ्यक्रम के अनुसार समान अंक वाले बहुविकल्पीय (वस्तुनिष्ठ प्रकार) के कुल 150 प्रश्न होंगे।

2. अधिकतम पूर्णांक 150 अंक होंगे।

3. प्रत्येक सही उत्तर के लिये अधिकतम 1 (एक) अंक देय होगा।

4. प्रत्येक गलत उत्तर के लिये 1/4 अंक काटा जावेगा।

5. प्रश्न पत्र में न्यूनतम 40% अंक लाना अनिवार्य होगा।

6. परीक्षा का मानक स्तर सैकण्डरी का होगा।

पाठ्यक्रम (syllabus)

भाग - (अ) (भारांक 70 प्रतिशत)

प्रश्नों की संख्या : 105

पूर्णांकः 105

राजस्थान राज्य के विशिष्ट संदर्भ के साथ माध्यमिक स्तर के सामान्य ज्ञान जिसमे 'दैनिक विज्ञान, गणित, सामाजिक अध्ययन, भूगोल, इतिहास, संस्कृति, कला, समसामयिक विषय आदि समाविष्ट हो, पर वस्तुपूरक प्रकार के प्रश्न।

भाग - (ब) (भारांक 30 प्रतिशत)

प्रश्नों की संख्या : 45

पूर्णांकः 45

पशुपालन से संबंधित निम्न बिन्दुओं का सामान्य ज्ञान जिसमे प्रदेश में पशुओं की प्रमुख देशी नस्लें, कृत्रिम गर्भाधान, बधियाकरण, संकर प्रजनन, दुग्ध दोहन दुग्ध स्रवण काल, स्वच्छ दूध उत्पादन, पशु एवं कुक्कुट प्रबंधन, जैविक अपशिष्टों का निस्तारण, संतुलित पशु आहार, चारा फसलें, चारा / चारागाह विकास, स्वस्थ एवं बीमार पशुओं की पहचान, पशुओं में अंतः एवं बाह्य परजीवी रोग, पशुओं में टीकाकरण, पशुधन प्रसार, भेड़, बकरियों का स्वास्थ्य कलेण्डर, ऊन, मांस, दूध व अंडों का देश व राज्य में उत्पादन व स्थान, प्रति व्यक्ति दूध/मांस/अंडों की उपलब्धता, प्रति पशु दूध की उत्पादकता, ऊन कतरन, भार ढोने वाले पशु, वर्मी कम्पोस्ट खाद, पशुओं के चमडे एवं हड्डियों का उपयोग, पशुओं की उम्र ज्ञात करना, पॉलीथीन से पशुओं/पर्यावरण को हानि, पशु बीमा, पशु क्रय के समय रखी जाने वाली सावधानियाँ, पशु मेलें, पशुगणना, गौशाला प्रबंधन, साफ सफाई का महत्व, गोबर. मूत्र का उचित निष्पादन, पशुधन उत्पादों का विपणन, डेयरी विकास गतिविधियों तथा पशुपालन विभाग की प्रमुख योजनायें आदि का समावेश हो, पर वस्तुपूरक प्रकार के प्रश्न।

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